Hearing Aids (कान की मशीन)

प्रस्तावनाः

श्रवण-दोष आज एक सामान्य सी समस्या है। विश्व में श्रवण-दोष से लाखों लोग प्रभावित हैं। उम्र के तौर पर 40 साल से ऊपर के लोगों को लगभग सभी को श्रवण-दोष पाया जा सकता है, यदि ठीक से घर-घर जाकर सर्वे कराया जाय तो सही-सही आंकड़े निकलकर आ सकते हैं। वैसे तो 10 में से तीन लोगों को श्रवण-दोष होता ही है। इसके लिए श्रवण-यंत्र का बहुत-बहुत धन्यवाद जो कि व्यक्ति को  सुनने में वरदान साबित हुआ है जो कि अन्य लोगों की बातें सुनने एवं समझने में बहुत सहायक है।

श्रवण-यंत्र क्या है?:

श्रवण-यंत्र एक Small Electronic Device होती है। यह श्रवण-दोष के अनुसार आवाज को Amplify  करके हमारे कान के द्वारा मस्तिष्क तक भेजती है और हम सुनने का आभास करते हैं। यह स्पीच एवं दूसरी आवाजों को हम समझपाते हैं और दूसरों की बातों का जबाव देते हैं। इस प्रकार श्रवण-यंत्र Communication को आसान बनाता है। 



श्रवण-यंत्र कैसे काम करता हैं?:

श्रवण-यंत्र मुख्यरूप से तीन Steps पर काम करता है – i) Microphone; ii) Amplifier; iii) Speaker.

 

  1. i) Microphone :- Microphone Sound Energy को Electrical Energy में बदलकर आवाज को Catch करके आगे बढ़ाने का काम करता है। अर्थात् जो भी हम बोलते हैं उस आवाज को एकत्रित करके Amplifier में भेजते हैं।

 

  1. ii) Amplifier :- Amplifier Electrical Energy को Sound Energy में बदलकर आवाज को बढ़ाने का काम करता है अर्थात् हमारे द्वारा कही हुई बातें Speaker में पहुंचती हैं। 

 

iii) Speaker :- Speaker द्वारा दूसरों की कही हुई बातें हमारे कानों तक पहुैचती हैं और कान से हमारे मस्तिष्क तक, इसप्रकार हम दूसरों की बातों को सुनने का आभास करते हैं। 

 

इसप्रकार श्रवण-दोष से ग्रसित व्यक्ति श्रवण-यंत्र द्वारा एक-दूसरे की बातों का आदान-प्रदान करते हैं, और इसीप्रकार उपर्युक्त प्रक्रिया द्वारा श्रवण-यंत्र कार्य करता है।



श्रवण-यंत्र के प्रकारः

श्रवण-यंत्र बनावट के हिसाब से कई प्रकार के होते हैंः-

 

  1. i) Pocket Type श्रवण-यंत्रः-

इस प्रकार के श्रवण-यंत्र बहुत ही सामान्य एक छोटी सी डब्बी के आकार के होते हैं, ऐसे श्रवण-यंत्र पेंसिल टाइप Battery से संचालित होते हैं। इसमें एक Cord Connect होती है, यदि आप एक कान में श्रवण-यंत्र लगवाना चाहते हैं तो ‘S’ Cord लगाकर Fitting करते हैं। यदि आप श्रवण-यंत्र दोनों कानों में लगवाना चाहते हैं तो ‘V’ Cord लगाकर Fitting करते हैं। Device एक ही होता है। (इसमें भी दो पिन या तीन पिन वाले Cord होते हैं।) Cord का एक हिस्सा Device में Connect होता है और दूसरा हिस्सा रिसीवर में Connect होता है। 





  1. ii) कान के पीछे वाला श्रवण-यंत्र (BTE):

यह भी एक बेसिक श्रवण-यंत्र होता है, यह एक बहुत ही छोटी Curve डब्बी के आकार का होता है जिसमें एक ऊपर की तरफ हुक लगा होता है जो कान के पिन्ना के पीछे लटकाने में मदद करता है। कान में लगे श्रवण-यंत्र को यदि सामने से देखा जाय तो दिखाई नहीं देता है, श्रवण-यंत्र का सिर्फ हुक में लगा पाइप दिखाई देता

iii) कान के अन्दर वाला (ITE) श्रवण-यंत्र:

ये कान के अन्दर ही लगाया जाता है। इसे In-The-Ear (ITE) श्रवण-यंत्र भी कहते हैं। यह श्रवण-यंत्र आधा ईयर-कैनाल में और आधा कान के कॉन्चा में रहता है, एवं इसका आधा हिस्सा दिखाई देता है जो कॉन्चा में रहता है। ये श्रवण-यंत्र रेडीमेड नहीं मिलते हैं। ये श्रवण-यंत्र माइल्ड से सीवियर श्रवण-दोष के लिए उपयुक्त होते हैं। 

  1. iv) कान के कैनाल वाला (ITC) श्रवण-यंत्र: 

यह श्रवण-यंत्र ITE श्रवण-यंत्र से छोटा होता है। इसे In-The-Canal (ITC) श्रवण-यंत्र भी कहते हैं। यह श्रवण-यंत्र ईयर-कैनाल और थोड़ा सा हिस्सा ईयर-कॉन्चा में रहता है। यह श्रवण-यंत्र बहुत कम दिखाई देता है। ITE श्रवण-यंत्र की अपेक्षा इस श्रवण-यंत्र को लोग अधिक पसंद करते हैं। यह अधिक आरामदायक श्रवण-यंत्र होता है। यह श्रवण-यंत्र माइल्ड से मॉडरेट श्रवण-दोष के लिए अधिक उपयुक्त होता है। 

 

  1. v) कैनाल के अन्दर वाला (CIC) श्रवण-यंत्र:  

 यह सबसे छोटा श्रवण-यंत्र होता है और यह पूरी तरह ईयर-कैनाल के अन्दर लगाया जाता है।  इसे Completely-in-Canal (CIC) and Invisible श्रवण-यंत्र कहते हैं, अर्थात् कान में बिलकुल भी दिखाई नहीं देता है। यह श्रवण-यंत्र लगाने में बहुत ही आरामदायक श्रवण-यंत्र होता है। यह श्रवण-यंत्र भी माइल्ड से मोडरेट श्रवण-दोष के लिए उपयुक्त होता है। इस श्रवण-यंत्र को लोग बहुत अधिक पसंद करते हैं। 

 

  1. vi) रिसीवर-इन-कैनाल (RIC) श्रवण-यंत्र:

यह BTE श्रवण-यंत्र की तरह कान के पीछे लगाया जाता है, और इसका रिसीवर ईयर-टिप या ईयर-मोल्ड के साथ कान के कैनाल में लगाया जाता है। रिसीवर में एक पतला तार फिक्स रहता है, जो रिसीवर और डिवाइस को कनैक्ट करता है। यह श्रवण-यंत्र बहुत ही हल्का और बनावट बहुत ही लुभावनी होती है, इसलिए लोग इसे बहुत पसंद करते हैं। 



निष्कर्षः-

इस अध्याय में श्रवण-यंत्र अर्थात् कान की मशीन के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी है, श्रवण-यंत्र क्या होता है, श्रवण-यंत्र के प्रकार, श्रवण-यंत्र का चुनाव, श्रवण-यंत्र का रख-रखाव,श्रवण-यंत्र की कीमत, श्रवण-यंत्र को लंबे समय तक चलाने के उपाय, और आधुनिक श्रवण-यंत्रों की प्रमुख विशेषताएं एवं संचालन के बारे में भी अच्छे से समझाया गया है। श्रवण-यंत्र विश्वसनीय उपकरण होते हैं, जिससे कि आप श्रवण-यंत्र द्वारा अपना जीवन बेहतर बना सकें। यदि आप अपनी बुद्धिमत्तापूर्वक अच्छे गुणवत्तावाले श्रवण-यंत्र खोज रहे हैं तो यहां सभी के लिए विकल्प है कि आपको अच्छे से अच्छा श्रवण-यंत्र मिल सके। आपके जरूरत के मुताबिक बोल सकते हैं, जिससे आपको बेहतर से बेहतर सुन सकें और अपने जीवन में चार-चांद लगा सकें, यही हमारी कामना हैः—

 

कॉल टू एक्शन (CTA):- 

यदि आप अपनी बेहतर सुनाई के लिए अगला कदम लेने के लिए तैयार हैं, तो आज ही श्रवण विशेषज्ञ अर्थात् ऑ़़डियोलॉजिस्ट से सम्पर्क करें और श्रवण-यंत्र लगवायें।